वित्तीय व्यवस्था
योजना के अंतर्गत गतिविधियों पर होने वाले व्यय की व्यवस्था केंद्र सरकार द्वारा की जाती है। व्यय हेतु वित्तीय ब्यौरा निर्धारित है।
गतिविधियां
सामान्यतः एक स्वयंसेवक योजना में कम से कम 2 वर्ष तक रह कर गतिविधियों में भाग लेता है। वर्ष भर नगर अभिगृहित ग्राम/बस्ती में नियमित गतिविधि आयोजित की जाती है। जबकि किसी गाँव मे आयोजित सात दिवसीय पूर्णकालिक शिविर होता है इसके अतिरिक्त आवश्यकतानुसार दिवा शिविर भी आयोजित किये जाते है।
राष्ट्रीय सेवा योजना के प्रमुख विवरण
राष्ट्रीय सेवा योजना (National Service Scheme)
रा.से.यो. का उद्देश्य
समाज सेवा द्वारा विद्यार्थियों/छात्रों के व्यक्तित्व का विकास ।
Student personality development through community service.
रा.से.यो. का लक्ष्य
शिक्षा द्वारा समाज सेवा एवं समाज सेवा के द्वारा शिक्षा।
एक शब्द में, यह आदर्श है कि तुम परमात्मा हो।
- स्वामी विवेकानंद
सिद्धांत वाक्य
राष्ट्रीय सेवा योजना का सिद्धांत वाक्य (मोटो) -" मैं नहीं आप" नाहं वै भवान् (Not me but you) - यह सिद्धांत वाक्य वसुधैव कुटुम्बकम का सार बताता है, निःस्वार्थ सेवा की आवश्यकता का समर्थन करता है। यह बताता है कि हम दूसरे के दृष्टिकोण की सराहना करने वाले बनें तथा प्राणि मात्र के लिए सहानुभूति रखें। इस तरह यह एक सर्वधर्म सम्भाव राष्ट्र से युक्त (प्रजातांत्रिक) समाज के निर्माण का लक्ष्य प्रस्तुत करता है।
विषय (थीम)
एन. एस. एस. की नियमित एवं विशेष शिविर गतिविधियों हेतु वर्ष 2006 से 2008 तक के लिए विषय थीम "स्वस्थ भारत के लिए स्वस्थ युवा" निर्धारित की गयी है।
प्रेरणा पुरूष
मानव सेवा एवं युवा चेतना के प्रतीक स्वामी विवेकानंद को राष्ट्रीय सेवा योजना का प्रेरणा पुरुष मान्य किया गया है। स्वामी विवेकानंद जी को 1984 में भारत सरकार ने युवाओं का प्रतीक पुरूष माना तबसे ही राष्ट्रीय सेवा योजना में उन्हें अपने प्रतीक पुरूष के रूप में मान्य किया।
रा. से. यो. का चिन्ह
राष्ट्रीय सेवा योजना का प्रतीक चिन्ह उड़ीसा के कोणार्क सूर्य मंदिर के रथ के चक्र पर आधारित है। सूर्य मंदिर के ये विशाल चक्र सृजन, संरक्षण और निर्मुक्ति के आवर्तन को अभिव्यक्त करते है तथा काल और स्थान से परे जीवन में गति का महत्व बताते है। प्रतीक का अभिकल्प सूर्य रथ के चक्र का सरलीकृत रूप है, मुख्यतः गति को दर्शाता है, यह निरंतरता, समाज में परिवर्तन लाने और उसे उन्नत करने के लिए निरंतर आगे बढ़ने के लिए प्रयास करने का घोतक है।
रा. से. यो. का बैज
सूर्य मंदिर में रथ में 24 पहिये हैं, प्रत्येक पहियों में 8 तीलियां है जो 8 प्रहर दर्शाती है, इसलिए जो व्यक्ति इस बैज को धारण करता है उसे यह बैज याद दिलाता है कि वह राष्ट्र सेवा के लिए दिन-रात अर्थात 24 घंटे तत्पर रहे, बैज में जो लाल रंग है वह इस बात का संकेत करता है कि रा.से.यो. के स्वयं सेवकों में पूरा उत्साह है और वे जीवंत हैं, सक्रीय हैं और उनमें स्फूर्ति है। गहरा नीला रंग उस ब्रम्हाण्ड की ओर संकेत करता है जिसका रा.से.यो. एक छोटा सा अंश है जो मानव मात्र का कल्याण करने के लिए अपना अंशदान करने को तैयार है।
अभिवाद
एन. एस. एस. के सदस्य परस्पर अभिवादन हेतु (में) " जय हिंद " का घोष करते है।
रा.से.यो. स्वयंसेवकों के लिए आचार संहिता
1. सभी रा.से.यो. स्वयंसेवक कार्यक्रम अधिकारी द्वारा नियुक्त किए गये दलनायक के मार्गदर्शन में कार्य करेंगे।
2. दल/समुदाय के नेतृत्व के लिए वे सहयोग एवं विश्वास पात्र बनेंगे।
3. उन्हें हर स्थिति में असामाजिक एवं अस्वच्छ कार्य-कलापों से दूर रहना चहिए।
4. वे अपनी देनन्दिन गतिविधियों/ अनुभवों को इस डायरी में संलग्न पृष्ठों पर अभिलेखित करेंगे और समय-समय पर अवलोकनार्थ प्रस्तुत करेंगे।
5. प्रत्येक स्वयंसेवक को एन. एस. एस. कार्य के समय एन. एस. एस. बैच धारण करना चाहिए।
उद्देश्य
इस योजना का उद्देश्य “समाज सेवा के माध्यम से व्यक्ति का विकास" है। इसके विशिष्ट उद्देश्य इस प्रकार है -
1 'जिस बस्ती/ग्राम / समुदाय में वे कार्य करते है, उसे संमझना।
2. बस्ती/ग्राम/समुदाय के परिप्रेक्ष्य में स्वयं को समझना।
3. बस्ती / ग्राम/समुदाय की उन समस्याओं एवं आवश्यकताओं की पहचान करना जिनके समाधान में वे सहभागी हो सकते है।
4. सामाजिक दायित्व एवं नागरिक बोध (सिविक सेंस) का विकास करना।
5. कठिनाइयों के व्यवहारिक निराकरण ढूंढने में शिक्षा एवं ज्ञान को लागू करना। वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास करना।
6. समूह - जीवन हेतु आवश्यक गुणों का विकास करना।
7. बस्ती/ग्राम/समुदाय की सहभागिता सक्रिय करने हेतु कौशल।
8. प्रजातांत्रिक दृष्टिकोण एवं नेतृत्व गुणों का विकास ।
9. संकट एवं दैवीय आपदाओं का सामना करने की क्षमता का विकास ।
10. राष्ट्रीय एकता को व्यवहारिक स्वरूप देना।
दिशा निर्देश
एक शैक्षणिक वर्ष में जो 120 घंटे का सेवा-कार्य प्रत्येक स्वयं सेवक से अपेक्षित है, उसमें से प्रथम वर्ष में 20 घंटे निम्नानुसार दिशा निर्देश कार्यक्रम हेतु उपयोग में लाए जाएं-
सामान्य दिशा निर्देश: 2 घण्टे
विशिष्ट दिशा निर्देश: 8 घण्टे
कार्यक्रम की दक्षता का ज्ञान: 10 घण्टे
योग: 20 घण्टे
दिशा निर्देश कार्यक्रम, शिक्षकों, कार्यक्षेत्र के जानकार व्यक्तियों जैसे स्थानीय विकास अधिकारी, स्वयं-सेवी संस्थाओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं एवं वरिष्ठ स्वयंसेवक इत्यादि के सहयोग से आयोजित किया जाएगा।
सामाजिक
चेतना हेतु महत्वपूर्ण सप्ताह एवं दिवस
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क्र.
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उत्सव विवरण
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तिथि एवं माह
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1.
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राष्ट्रीय युवा दिवस
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12 जनवरी
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2.
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राष्ट्रीय युवा सप्ताह
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12 से 19 जनवरी
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3.
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गणतंत्र दिवस
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26 जनवरी
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4.
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महिला दिवस
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8 मार्च
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5.
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विश्व वानिकी दिवस
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21 मार्च
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6.
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विश्व स्वास्थ्य दिवस
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7 अप्रैल
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7.
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अग्निरोधक दिवस
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14 अप्रैल
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8.
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वसुंधरा दिवस
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22 अप्रैल
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9.
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तम्बाकू निरोध दिवस
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31 मई
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10.
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विश्व पर्यावरण दिवस
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5 जून
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11.
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स्वतंत्रता आंदोलन दिवस
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8 अगस्त
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12.
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विश्व युवा दिवस
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12 अगस्त
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13.
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स्वतंत्रता दिवस
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15 अगस्त
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14.
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सद्भावना दिवस
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20 अगस्त
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15.
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सद्भावना मानव- श्रृंखला
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22 अगस्त
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16.
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पोषण आहार सप्ताह
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1-7 सितंबर
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17.
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शिक्षक दिवस
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5 सितंबर
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18.
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अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस
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8 से 14 सितंबर
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19.
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राष्ट्रीय सेवा योजना दिवस
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24 सितंबर
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20.
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स्वैच्छिक रक्तदान दिवस
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1 अक्टूबर
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21.
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गांधी जयंती/स्वच्छता दिवस
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2 अक्टूबर
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22.
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वन्य प्राणी संरक्षण सप्ताह
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2-8 अक्टूबर
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23.
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विश्व खाद्य दिवस
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16 अक्टूबर
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24.
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संयुक्त राष्ट्र दिवस
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24 अक्टूबर
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25.
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यातायात सप्ताह
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24-30 अक्टूबर
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26.
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राष्ट्रीय मितव्ययिता दिवस
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30 अक्टूबर
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27.
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कौमी एकता सप्ताह
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19 नवंबर से 25 नवंबर
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28.
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विश्व एड्स जागरूकता सप्ताह
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19 नवंबर से 1 दिसंबर
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29.
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विश्व स्वयं सेवक दिवस
|
5 दिसंबर
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30.
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विश्व मानव अधिकार दिवस
|
10 दिसंबर
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